अव्हेरू नको रे सखया | रामा पाव सांगतिया |
सीणलीयाच्या विसावा | दीनबंधू |
| धृ ||
राम हा स्वानंद योगी | लक्षुमण पृष्ठभागी |
अतिशय विरागी | नव जो मागे |
| १ ||
राम म्हणे बा सुमित्रा | राहे राहे राजपुत्रा |
संपति भोगसी विचित्रा | कष्टसी वनी |
| २ ||
आत्मया रामा तू जासी | तुज वोवाळूनी आपणासी |
कंठ दाटे नयनेसी नीर लोटे ||
३ ||
उदास न बोले दासा |
अनाथाचा तू कोवसा | तुजविण मज कैसा वेळ गमे |
| ४ ||
भोग राग रामेविण | जन वमन प्रमाण |
राम संयोगी जीवन | वनुचि सुख |
| ५ ||
रामा तु अंतरसाक्षी | परेची वाचा परीक्षी |
सद्भाव लाघव लक्षी विचक्षणा ||
६ ||
राम कृपेचा कोवळा | जाणोनि अंतरकळा |
रामी रामदास केला आपणा ऐसा ||
७ ||