जन्मदुःखे, जरा दुःखे | नित्य दुःखे पुनः पुनः|
संसार त्यागणे जाणे | आनंदवनभूवनी ||१||
वेधले चित्त जाणावे | रामवेध निरंतरी |
रागेहो, वीतरागे हो| आनंदवनभूवनी ||२||
संसार वोढीता दुःखे | ज्याचे त्यासीच ठाउके |
परंतु एकदा जावे | आनंदवनभूवनी ||३||
न सोसे दुःख ते होते | दुःख शोक परोपरी |
येकाकी येकदा जावे | आनंदवनभूवनी ||४||
कष्टलो, कष्टलो देवा | पुरे संसार जाहला |
देहत्यागास येणे हो | आनंदवनभूवनी ||५||
जन्म ते सोसिले मोठे | अपाय बहुता परी |
उपाये धाडिले देवे | आनंदवनभूवनी ||६||
स्वप्नी जे देखिले रात्री | ते ते तैसेची होतसे|
हिंडता फिरता गेलो | आनंदवनभूवनी ||७||
हे साक्ष देखिली दृष्टी | किती कल्लोळ ऊठिले |
विघ्नघ्ना प्रार्थिता गेलो | आनंदवनभूवनी ||८||
स्वधर्माआड जे विघ्ने | ते ते सर्व ऊठिले |
लाटिली, कुटिली देवे | दापिली कापिली बहु ||९||
विघ्नांच्या उठिल्या फौजा | भीम त्यावरि लोटला |
घर्डीली , चिर्डीली रागे | रडविली बडविली बळे ||१०||
हाकिली, टाकिली तेणे | आनंदवनभूवनी |
हाकबोंब बहू जाली | पुढे खत्तल्ल मांडले||११||
खौळले लोक देवांचे | मुख्य देवचि ऊठिला |
कळेना कायरे होते | आनंदवनभूवनी ||१२||
स्वर्गीची लोटली जेथे | रामगंगा महानदी |
तीर्थासि तुळणा नाही | आनंदवनभूवनी ||१३||
ग्रंथी जे वर्णिले मागे | गुप्तगंगा महानदी |
जळात रोकडे प्राणी | आनंदवनभूवनी ||१४||
सकळ देवांचिये साक्षी | गुप्त उदंड भूवने |
सौख्यासि पावणे जाणे | आनंदवनभूवनी ||१५||
त्रैलोक्य चालिले तेथे | देव-गंधर्व-मानवी |
ऋषि, मुनी, महायोगी | आनंदवनभूवनी ||१६||
आक्रा, आक्रा बहु आक्रा | काये आक्रा कळेचि ना |
गुप्त ते, गुप्त जाणावे | आनंदवनभूवनी ||१७||
त्रैलोक्य चालिल्या फौजा| सौख्य बंध-विमोचने |
मोहीम मांडली मोठी | आनंदवनभूवनी ||१८||
सुरेश उठिला अंगे | सूरसेना परोपरी |
विकटे, कर्कशे याने | शस्त्रपाणी महाबळी ||१९||
देव - देव बहुदेव | नाना देव परोपरी |
दाटणी जाहली मोठी | आनंदवनभूवनी ||२०||
दिक्पती चालले सर्वे | नाना सेना परोपरी |
वेष्टित चालले सकळे | आनंदवनभूवनी ||२१||
मंगळे वाजती वाद्ये | महागणा- समागणे |
आरंभी चालला पुढे | आनंदवनभूवनी ||२२||
रासभे राखिली मागे | तेणे रागेचि चालिला |
सर्वत्र पाठिशी फौजा | आनंदवनभूवनी ||२३||
अनेक वाजती वाद्ये | ध्वनी कल्लोळ उठिला |
छबिने डोलती ढाला | आनंदवनभूवनी ||२४||
विजई दीस जो आहे | ते दिसी सर्व ऊठती |
अनर्थ मांडला मोठा | आनंदवनभूवनी ||२५||
देवचि तुष्टला होता | त्याचे भक्तीस भूलला |
सांगुता क्षोभला दुःखे | आनंदवनभूवनी ||२६||
कल्पांत मांडिला मोठा | म्लेंच्छ, दैत्य बुडावया |
कैपक्ष घेतला देवी | आनंदवनभभूवनी ||२७||
बुडाले सर्वही पापी | हिंदुस्थान बळावले |
अभक्तांचा क्षयो झाला | आनंदवनभूवनी ||२८||
पूर्वी जे मारिले होते | तेचि आतां बळावले |
कोपला देव देवांचा | आनंदवनभूवनी ||२९||
त्रैलोक्य गांजिले मागे | विवेकी ठाउके जना |
कैपक्ष घेतला रामे | आनंदवनभूवनी ||३०||
भीमचि धाडिला दैवे | वैभवे धाव घेतली |
लांगुळ चालिले पुढे | आनंदवनभूवनी ||३१||
येथुनि वाढिला धर्मू | रमाधर्म समागमे |
संतोष मांडिला मोठा | आनंदवनभूवनी ||३२||
बुडाला औरंग्या पापी | म्लेंच्छ संहार जाहला |
मोडिली मांडिली क्षेत्रे | आनंदवनभूवनी ||३३||
बुडाले भेदवाही ते | नष्ट चांडाळ पातकी |
ताडिले, पाडिले देवे | आनंदवनभूवनी ||३४||
गळाले, पळाले, मेले | जाले देश धडी पुढे |
निर्मळ जाहली पृथ्वी | आनंदवनभूवनी ||३५||
उदंड जाहले पाणी |स्नान संध्या करावया |
जप तप अनुष्ठाने | आनंदवनभूवनी ||३६||
नाना तपे, पुरश्चरणे | नाना धर्म परोपरी |
गाजली भक्ति हे मोठी | आनंदवनभूवनी ||३७||
लिहिला प्रत्ययो आला | मोठा आनंद जाहला |
चढता वाढत प्रेमा | आनंदवनभूवनी ||३८||
बंड पाषाण्ड उडाले | शुद्ध अध्यात्म वाढले |
रामकर्ता, रामभोक्ता | आनंदवनभूवनी ||३९||
देवालये दीपमाळ |रंगमाळा बहुविधा |
पूसिला देव देवांचा | आनंदवनभूवनी ||४०||
रामवरदायिनी माता | गर्द घेऊनि उठिली |
मर्दिले पूर्विचे पापी | आनंदवनभूवनी ||४१||
प्रत्यक्ष चालिली राया | मूळमाया समागमे |
नष्ट- चांडाळ ते खाया | आनंदवनभूवनी ||४२||
भक्तासि रक्षिले मागे | आताहि रक्षिते पहा |
भक्तासि दीधले सर्वे | आनंदवनभूवनी ||४३||
आरोग्य जाहली काया | वैभवे सांडिली सीमा |
सारसर्वस्व देवांचे | आनंदवनभूवनी ||४४||
देव सर्वस्वी भक्तांचा | देव, भक्त दुजे नसे |
संदेह तुटला मोठा | आनंदवनभूवनी ||४५||
देव-भक्त एक जाले | मिळाले जीव सर्वही |
संतोष पावले तेणे | आनंदवनभूवनी ||४६||
सामर्थ्ये येश कीर्तीची | प्रतापे सांडिली सीमा |
सारसर्वस्व देवाचे | आनंदवनभूवनी ||४७||
रामकर्ता राम भोक्ता | रामराज्य भूमंडळी |
सर्वस्वे मीच देवाचा | माझा देव कसा म्हणो? ||४८||
हेच शोधोनि पहावे | रहावे निश्चली सदा |
सार्थक श्रवणे होते | आनंदवनभूवनी ||४९||
वेदशास्त्र-धर्म-चर्चा | पुराणे महात्मे किती |
कवित्वे नूतने जीर्णे | आनंदवनभूवनी ||५०||
गीत-संगीत-सामर्थ्ये | वाद्य कल्लोळ ऊठिला |
मिळाले सर्व अर्थार्थी | आनंदवनभूवनी ||५१||
वेद तो मंद जाणावा | सिद्ध आनंदवनभूवनी |
आतूल महिमा तेथे | आनंदवनभूवनी ||५२||
मनासी प्रचिती आली | शब्दी विश्वास वाटला |
कामना पुरती सर्वे | आनंदवनभूवनी ||५३||
येथूनि वाचता सर्वे | ते ते सर्वत्र देखती |
सामर्थ्य काय बोलावे? | आनंदवनभूवनी ||५४||
उदंड ठेविली नामे | आपस्तुतीच मांडली |
ऐसे हे बोलणे नाही | आनंदवनभूवनी ||५५||
बोलणे वाउगे होते | चालणे पाहिजे बरे |
पुढे घडेल ते सारे | आनंदवनभूवनी ||५६||
स्मरले लिहिले आहे | बोलता चालता हरि |
काय होईल पाहावे | आनंदवनभूवनी ||५७||
महिमा तो वर्णवेना | विशेष बहुता परि |
विद्यापीठ ते आहे | आनंदवनभूवनी ||५८||
सर्व सद्या, कळा, विद्या | न भूतो न भविष्यति |
वैराग्य जाहले सर्वे | आनंदवनभूवनी || ५९||