देखिली तुळजा माता | निवालों अंतरी सुखें
तुटली सर्व हि चिंता | थोर आधार वाटला ||१||

संसार पाहातां मागें | पाळिलें सर्वही कुळां |
प्रस्तुत प्रत्ययो आतां | रक्षितें बहुतांपरीं ||२||

पूर्व कामना सर्वे | ईच्छा पूर्ण मनोगतें |
धन्य हा देव लोभाळु | सांभाळ करितो सदा ||३||

आघात संकटें वारी | निवारी दुष्ट दुर्जना |
संकटीं भर्वसा मोठा तत्काळ काम होतसे ||४||

लालची चुकते वेडें | कृपाळु जननी खरी |
लक्ष कीं कोटी अन्यायें | बहुत क्षमिले खरे ||५||

वन्ही हो सर्प हो विंचु | बाळकु घेतसे बळें |
सर्वही चुकवी माता | पोर लावाड नेणतें ||६||

लोभाळु बायका माया त्यामध्यें मुख्य जन्ननी |
बाळका वाढवी माता | मातेला मुख्य जन्ननी ||७||

शर्वही बाळकें जीत्रीं | त्रैलोक्यजननी पाहा
साक्षिणी सर्व लोभाळू | मर्यादा कोण रे करी ||८||

अनंत रूपिणी माया | काया रक्षी परोपरीं |
विचित्र महिमा आहे | कळला न वचे कदा ||९||

सर्वोचे मूळ हे माया | मूळमाया म्हणोनियां |
सृष्टीची आदि शक्ती हे | आदिशक्ती म्हणोनियां ||१०||

रामउपासना आहे | हे रामवरदायिनी |
सख्य तें चालतें सर्वै | प्रउर्तीनिवृतीकडे ||११||

शब्दार्थ ----

१)जन्ननी- मूळमाया हीच तुळजामाता. ही सर्वांची जननी, मूळमाया.
(ओवी क्र. ७)